खंडवा – भारत रत्न और क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर के जन्मदिवस पर राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था, जिसमें उनके बर्थ डे को अपने अपने तरीक़े से सेलिब्रेट कर उसका वीडियो बनाकर भेजना था ।

प्रथम आने पर जो अवार्ड था वो अनमोल था । सचिन के साथ समय बिताने का मौका था । देश भर के नगर – महानगरों से अनेकों प्रविष्टियाँ गई, जिसमें क़ीमती – बेशक़ीमती सेलिब्रेशन कर प्रतिभागियों ने अपने अपने तरीके से जन्मदिवस मनाया था । खंडवा सीमित साधनों वाला एक छोटा कस्बा , पर अनेक बार आउट ऑफ बॉक्स थिंकिंग काम कर जाती है ।

खंडवा के टायर व्यवसायी एवं साहित्यकार डॉ. आलोक सेठी ने दृष्टिबाधित बच्चों को साथ लेकर सचिन के जन्मदिवस पर एक गीत तैयार कर , लयबद्ध संगीत के साथ प्रस्तुत किया, इस संगीत मंडली का नामकरण किया, दिव्यदृष्टि आर्केस्ट्रा । आयोजकों की दृष्टि में इस दिव्यदृष्टि प्रस्तुति ने सभी को पछाड़कर प्रथम स्थान अर्जित कर लिया । पुरुस्कार स्वरूप डॉ आलोक सेठी को सचिन तेंदुलकर के साथ श्रीलंका में दो दिन लंबा समय बिताने का मौका मिला । साहित्यकार डॉ. आलोक सेठी ने सचिन से जीवन से जुड़े अनेक पहलुओं पर खुल कर चर्चा की ।

सचिन को यह जानकार अच्छा लगा कि आलोक सेठी, किशोर कुमार की जन्मभूमि खंडवा से हैं । “वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड, लंदन” में दर्ज श्री सेठी की पुस्तक “संडे का फंडा” में एक उक्ति है, “बड़ा आदमी होना अच्छी बात है, लेकिन अच्छा आदमी होना बड़ी बात है”, इस फ़ंडे पर संवाद करते हुए डा. सेठी ने कहा कि इसके साथ फोटो लगाने के लिए सचिन तेंदुलकर उपयुक्त चेहरा लगा ।

श्री सेठी ने कहा कि उनकी नज़र में पिछले पचास सालों में भारत में ऐसे चार व्यक्तित्व हैं  जिन्होंने शिखर पर पहुंचकर भी अपने को निर्विवाद बचाए हुए रखा है । अमिताभ बच्चन, लता मंगेशकर, रतन टाटा और और आप स्वयं सचिन तेंदुलकर । देश की नई पीढ़ी जरा सी सफलता पर आत्ममुग्ध हो जाती है , सचिन अपवादों में से एक हैं ।

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