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श्री dada दादाजी धूनी वालों की परंपरा मे भोलेनाथ की तरह ही श्री बड़े दादाजी महाराज के उद्गम का भी कोई प्राकट्य नहीं है।करीब १९ वी सदी के प्रारंभ में काबुल में एक पश्तो संत हुआ करते थे, श्री गौरी शंकरजी महाराज, जो शिवजी के बहुत बड़े भक्त थे। उनका रूप बहुत विचित्र था, बड़े बड़े कान, बड़ा सा चेहरा एवं तेजस्वी रूप था उनका और स्वयं कद मे भी बहुत लम्बे थे