पिछले 40 सालों से बर्तन व्यापार से जुड़े गेंदालाल राठौर को उनके बेटे नितिन ने 4 दिन पहले इंदौर के ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल में एडमिट कराया राठोर परिवार की श्री शक्ति मेटल और विवेक मेटल नाम से बहुत पुरानी फर्म खंडवा में पिछले 40 साल से गेंदालाल राठौर खंडवा में लोगों की बरतन मार्केट में सेवा कर रहे हैं उन्होंने बताया कि उनके पिताजी को फेफड़े का कैंसर था और वे कोविद पेशेंट नहीं थे लेकिन केंसर के ट्रीटमेंट के लिए उन्होंने अपने पिताजी को इंदौर के ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल में एडमिट कराया इंदौर की ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल में एडमिट कराएं हॉस्पिटल प्रबंधन ने उन्हें कोविड-19 मरीज बताते हुए बच्चों के एसेंशियल वार्ड में जबरदस्ती उन्हें एडमिट किया, गेंदालाल राठौर के बेटे नितिन राठौड़ के अनुसार उनके पिताजी की हालत ठीक थी और सफर के चलते वह जरूर थकान महसूस कर रहे थे देर रात उनके बेटे नितिन राठौड़ के पास हॉस्पिटल प्रबंधन ने फोन किया कि उनके पिता की हालत बेहद नाजुक है उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया इस बात को सुनकर नितिन आश्चर्य चकित हो गया कि उनके पिता जी बिल्कुल ठीक थे
नितिन अस्पताल तक पहुंचता उनके पहले ही उन्हें खबर दी गई कि उनके पिता जी दुनिया छोड़कर चले गए गेंदालाल राठौर अब नहीं रहे।
राठौर जी के शव को पूरा पैक करके उन्हें हैंड ओवर कर दिया गया उसे 80 किलोमीटर दूर ले आये तभी ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल के प्रबंधन का फोन आता है कि उनके पिता की बॉडी एक्सचेंज हो गई है और उनके पिताजी की जगह 80 साल के एक कोविड-19 पेसेंट जो मऊ के रहने वाले हैं उनका शरीर उन्हें सौंप दिया गया है जिससे बदली करना चाहते हैं इस बात पर नितिन राठौड़ पहले ही अपने पिता के दुनिया छोड़कर जाने पर बेहद दुखी थे, उसके बावजूद इस तरह की गंभीर लापरवाही ने उन्हें और बेहद दुखी कर दिया आपको बता दें कि सनावद के पास ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल की गाड़ी आयी और काफी मशक्कत के बाद शव उन्हें वापस कर दिया गया।
नितिन ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया।