काट ना सके कभी कोई पतंग आपकी, टूटे ना कभी डोर विश्वास की, छू लो आप ज़िन्दगी की सारी कामयाबी, जैसे पतंग छूती है ऊंचाइयां आसमान की

तिल हम है और गुड़ हो आप, मिठाई हम है और मिठास हो आप, इस साल के पहले त्योहार से हो रही अब शुरुआत… आपको और आपके परिवार को हैप्पी मकर संक्रांति

बिन बादल बरसात नहीं होती, सूरज के उगे बिना दिन की शुरुआत नहीं होती! हम जानते है हमारे बिना विश की आप की कोई त्यौहार शुरुआत नहीं होती,

त्यौहार नहीं होता है अपना पराया, त्योहार वही जिसे सबने मनाया, तो मिला के गुढ़ में तिल, पतंग संग उड़ जाने दो दिल, हैप्पी मकर संक्रांति

काट ना सके कभी कोई पतंग आपकी, टूटे ना कभी डोर विश्वास की, छू लो आप ज़िन्दगी की सारी कामयाबी, जैसे पतंग छूती है ऊंचाइयां आसमान की

ठण्ड की एक सुबह पड़ेगा हमे नहाना क्यों की संक्रांति का पर्व कर देगा मौसम सुहाना कही पतंग कही दही चुरा कही खिचड़ी सब कुछ का है मिल कर ख़ुशी मनना हैप्पी सक्रांति