आखिर क्यों उलटे लटके रहते है चमगादड़ पेड़ो पर,जानिए असली वजह : दोस्तों स्वागत है आप लोगो का एक और जबरजस्त धमाकेदार आर्टिकल में,इस आर्टिकल में आप लोगो को आखिर क्यों उलटे लटके रहते है चमगादड़ पेड़ो पर,जानिए असली वजह के बारे में जानकारी देने वाला हु,इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक जरुर पढ़े.
आखिर क्यों उलटे लटके रहते है चमगादड़ पेड़ो पर,जानिए असली वजह
अक्सर आप लोगो ने रात को आसमान में चमगादड़ उड़ते हुए तो देखे ही होंगे.रात को आसमान में उड़ने वाला पक्षी चमगादड़ एक स्तनधारी प्राणी है.अधिकतर चमगादड़ को बिजली के तारों पर,बिल्डिंग के छज्जों,खंडहरों में या पेड़ों पर उल्टा लटकते हुए देखा होगा.लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि ये हमेशा उल्टे ही क्यों लटके रहते हैं अगर नहीं,तो आज हम आपको बताते हैं.साथ ही आपको चमगादड़ से जुडी कुछ और रोचक तथ्य के बारे में बताएंगे.
उल्टा ही क्यों लटके रहते हैं चमगादड़
चमगादड़ों के लिए उल्टा लटकना आराम करने का एक सुविधाजनक और उपयोगी तरीका है।दरअसल,चमगादड़ बाकी पक्षियों की तरह जमीन से उड़ान नहीं भर पाते हैं.चमगादड़ों के उल्टे लटकने के पीछे वजह ये है कि उल्टा अटके होने से ये आसानी से उड़ान भर पाते हैं.चमगादड के पंख जमीन से उतनी उडान नहीं दे पाते हैं,जितनी उड़ने के लिए जरूरी होती है.इसके अलावा उनके पीचे के पैर छोटे होते हैं,जिसकी वजह से वे दौड़कर गति नहीं पकड़ सकते हैं.
चमगादड़ उल्टा सोते समय गिरते क्यों नहीं
अक्सर आप लोगो ने देखा होगा चमगादड़ को पेड़ पर उल्टा लटके हुए सोते रहते हैं.सवाल यह है कि फिर ये अपना संतुलन खोकर निचे जमींन पर गिरते क्यों नहीं हैं.बीबीसी के अनुसार,इसकी असली वजह है की इनके पैरों कि नसें इस तरह व्यवस्थित होती हैं कि उनका वजन ही उनके पंजों को मजबूती के साथ पकडे रखती है.
आखिर पक्षीयो की श्रेणी में क्यू नहीं आता चमगादड़
चमगादड़ के पंख भी होते हैं और ये पक्षियों की तरह आसमान में उड़ता भी है,लेकिन असल में यह पक्षी नहीं बल्कि उड़ने वाला एक स्तनधारी जीव है.दरअसल,चमगादड़ अंडे नहीं देता बल्कि बच्चे देता है और अपने बच्चों को स्तनपान भी कराता है,इसलिए इसे पक्षियों की श्रेणी में नहीं रखा जाता है.
क्या खून पीने वाले चमगादड़ भी होते हैं
दुनिया भर में चमगादड़ की संख्या लगभग 1000 से अधिक प्रजातियां है.जिनमें से फ्लाइंग फॉक्स प्रजाति का चमगादड़ सबसे बड़ा होता है.फ्लाइंग फॉक्स चमगादड़ के शरीर की लंबाई 40 सेंटीमीटर तक होती है.कुछ चमगादड़ दूसरे जानवरों का खून पीकर जिंदा रहते हैं.ऐसे चमगादड़ों को वैंपायर चमगादड़ कहा जाता हैं.
शिकार करो,पर शिकार मत बनो
चमगादड़ के पूर्वज पेड़ों पर रहते थे,पेड़ पर चलते हुए छोटे कीड़ों का शिकार करते थे। चूँकि किसी कीट का पीछा करते हुए पेड़ पर चढ़ना बहुत कठिन होता है,इसलिए प्री-बैट नीचे की ओर मुंह करके शिकार के पेड़ के तने पर आने का इंतज़ार करते थे। इस तरह वे आसानी से नीचे की ओर भाग सकते थे अगर उन्हें कुछ स्वादिष्ट दिखाई देता।
चमगादड़ शिकार को पकड़ने के लिए अपने हाथों और मुंह का इस्तेमाल करते है और अपने पिछले पैरों से लटकते थे। इससे उनके पंजों में एक अनुकूलन हुआ जिससे लटकते समय उनके टेंडन अपनी जगह पर लॉक हो जाते थे। यही कारण है कि चमगादड़ मांसपेशियों का उपयोग किए बिना किसी ऊर्जा का उपयोग किए बिना उल्टा लटक सकते हैं। गुरुत्वाकर्षण उनके लिए सारा काम करता है।